कवर्धा/सोनवाही।
विश्व मानव अधिकार दिवस और छत्तीसगढ़ के प्रथम क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर मानव अधिकार आयोग ब्यूरो जिला-कबीरधाम तथा सत्यमेव जयते क्लब कवर्धा के संयुक्त तत्वावधान में सुदूर बैगा बाहुल्य जनजातीय ग्राम सोनवाही में पहली तथा क्लब का लगातार चौथी बार गर्म वस्त्र (कम्बल) दान अभियान आयोजित किया गया।
मानव अधिकार आयोग के प्रदेश अध्यक्ष श्री फिरोज़ खान के दिशा-निर्देश पर, क्लब अध्यक्ष एवं मानव अधिकार आयोग ब्यूरो जिला कबीरधाम अध्यक्ष देवसिंह धुर्वे के नेतृत्व में टीम सोनवाही पहुंची।
कार्यक्रम के लिए पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार करने हेतु क्लब कोषाध्यक्ष लालसिंह मरकाम और मीडिया प्रभारी प्रदीप परते ने गांव का मुआयना करते हुए मौजूदा सरपंच से गरीब, असहाय एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस आधार पर कुल 20 कम्बल जरूरतमंद परिवारों को वितरित किए गए।
महिलाओं ने जताया आभार, भावुक हुआ वनांचल
कम्बल वितरण के दौरान बैगा जनजाति की विशेष रूप से बूढ़ी महिलाओं ने गर्म वस्त्र पाकर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की और सत्यमेव जयते क्लब की सेवा भावना के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया।
ठंड के दिनों में मिला यह सहयोग उनके लिए बेहद राहत लेकर आया।
मानव अधिकार दिवस पर अध्यक्ष देवसिंह धुर्वे का सेवा भरा संदेश:-
अध्यक्ष देवसिंह धुर्वे ने बताया कि यह दिवस हर व्यक्ति के
समान अधिकारों की रक्षा,
अन्याय व भेदभाव के प्रति जागरूकता,
तथा मानवता और सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकारों की ऐतिहासिक घोषणा (UDHR) अपनाई गई थी, इसलिए यह दिवस पूरे विश्व में मानवता के प्रति समर्पित रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान निरीक्षक प्रभारी सुनिल पटले ने कहा—
“मानवाधिकार सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है। जरूरतमंदों के बीच मदद पहुंचाना ही वास्तविक मानव अधिकार की भावना है।”
क्लब की आगामी योजना — 26 जनवरी को ब्लड डोनेशन कैंप
सत्यमेव जयते क्लब ने जानकारी दी कि आगामी 26 जनवरी (राष्ट्रीय पर्व) को वनांचल ग्राम रेंगाखार (कला) में ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया जाएगा।
इसमें क्लब सदस्यों के साथ-साथ अन्य इच्छुक नागरिक भी रक्तदान कर सकेंगे।
इससे क्षेत्रीय जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने में बड़ी सहायता मिलेगी।
जीविकोपार्जन का चुनौतीपूर्ण तरीका
ग्रामवासियों ने बताया कि रोजगार के सीमित अवसरों के कारण गांव के लोग समूह बनाकर 8–10 दिनों के लिए जंगलों में झाड़ू (छिन्दी) लाने जाते हैं। वहीं भोजन व निवास की व्यवस्था करके सामग्री तैयार की जाती है, जिसे बाद में बाजार में 25–30 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेचकर परिवार का गुजारा किया जाता है। यह क्षेत्र की कठिन आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।
कार्यक्रम में उपस्थित
सहबू धुर्वे, जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायत सोनवाही, क्लब के सक्रिय सदस्य शंकर पटले, श्री. मोहपत कुमार कांवरे सहित ग्राम के गणमान्य नागरिक एवं बच्चे उपस्थित रहे।



