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प्रभारी सीएमओ के चलते डॉक्टर हो रहे हैं परेशान अब ड्यूटी करने से असहज हो रहे हैं ड्यूटी डॉक्टर अपनी दुख और व्यथा सुना रहे हैं

प्रभारी सीएमओ के चलते डॉक्टर हो रहे हैं परेशान अब ड्यूटी करने से असहज हो रहे हैं ड्यूटी डॉक्टर अपनी दुख और व्यथा सुना रहे हैं

 प्रभारी सीएमओ के चलते डॉक्टर हो रहे हैं परेशान  अब ड्यूटी करने से असहज हो रहे हैं  ड्यूटी डॉक्टर अपनी दुख और व्यथा सुना रहे हैं 

 कवर्धा स्वास्थ्य विभाग अब भगवान भरोसे नहीं सिर्फ नेताओ के भरोसे 



 मरीज तो छोड़ो डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं

 बस सलंग्निक कारण कर अवैध वसूली करने में लगे हैं जिले के सीएमओ 

 स्थानांतरण के बाद भी अपने अधीन के चिकित्सा अधिकारियों को कार्य मुक्त नहीं करते Cmo शासन के संलग्न कारण आदेश एवं स्थानांतरण आदेश की उड़ाते हैं खुलेआम धज्जियां  क्या प्रभारी सीएमओ  सबसे बड़ा पावरफुल क्यों नहीं मानते शासन का आदेश 

 सलंग्नीकरण समाप्त होने के बाद भी पंडरिया के चिकित्सा अधिकारी को जिला में अवैध तरीके से कर रखा है संलग्न  

...  *अस्पताल में हिंसा का असली जिम्मेदार* ...

.........  *आरोपियों की पहली ढाल* .......

             *CMHO का प्रभार* 

 पीड़ित डॉक्टर =क्या हमारे प्रभारी CMHO/BMO सर ने इंस्टीट्यूशनल FIR किया?

क्या हमारे प्रभारी CMHO सर ने हिंसा होने पर डॉक्टर्स का सपोर्ट क्यों नहीं किया?

क्या डॉक्टर विरोधी है cmo कवर्धा

माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार क्या हमारे प्रभारी CMHO सर ने अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबन्ध क्यों नहीं किये?


लेकिन आरोपी को गिरफ्तार न करने के विरोध पर मात्र मुलाहिजा बहिष्कार करने पर वेतन कटौती का लेटर हमारे प्रभारी CMHO सर ने निकाल दिया है। जबकि वहां पोस्टमार्टम,ओपीडी,इमरजेंसी आदि सुविधाओं का बहिष्कार नहीं किया गया है। आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा में कोई भी कमी नहीं की गई हैं

Cmo  साहब क्यों संलग्न करके रखे हैं पंडरिया के चिकित्सा अधिकारी को जिला अस्पताल क्या पंडरिया में डॉक्टरों की जरूरत नहीं संलग्न निकरण आदेश का उलझन क्यों

पंडरिया अस्पताल में हिंसा किसी छुटभैये नेता ने किया है,लेकिन उसे बचाने के लिए प्रथम पंक्ति में कोई IAS,कोई नेता,कोई मंत्री,कोई आमजनता नहीं है,वो हमारे ही प्रभारी CMHO सर नजर आ रहे हैं।

पिछले चार दिनों से MlC बहिष्कार के हमारे प्रोटेस्ट को कमजोर करने की कोशिश कर आरोपी की ढाल बनकर हमारे प्रभारी CMHO सर खड़े हो गए हैं। अगर ऐसा ही सपोर्ट हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टॉफ को हमरे प्रभारी CMHO सर करते तो आरोपी की गिरफ्तारी भी हो गई होती और पंडरिया अस्पताल में हिंसा की घटनाएं भी काफी कम हो जाती।

इस घटना से सीख लेनी चाहिए कि अस्पताल में चाहे आपके साथ मारपीट हो जाए,चाहे ईलाज के दौरान कोई मरीज को कॉम्प्लिकेशन हो जाए,तो प्रभारी CMHO आपके साथ नहीं आपके विरुद्ध ही खड़े होंगे। आपके साथ खड़ा होगा केवल और केवल आपके साथी डॉक्टर्स और आपका संगठन।

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